Sunday, January 9, 2011

भारत - एक राष्ट्र या देश ?

भारत एक राष्ट्र है या देश ? यहाँ आप सब भ्रमित होंगे कि राष्ट्र और देश तो एक ही शब्द है परन्तु मेरी नज़रों में ऐसा नहीं है I मेरे विचारों में राष्ट्र और देश दो भिन्न-भिन्न शब्द है , जिनके अर्थ में आपके सम्मुख रख रहा हूँ ! देश उसको कहते है जिसकी एक भौगोलिक सीमा होती है तथा जिसका एक नियत क्षेत्रफल होता है , परन्तु राष्ट्र उसको कहते है जिसकी एक संस्कृति ,सभ्यता होती है संस्कृति की कोई भौगोलिक सीमा नहीं होती अपितु वह तो संपूर्ण ब्रह्माण्ड में फैली होती है I जैसे कि यदि हम कहें कि भारत एक देश है तो इसका मतलब यह हुआ कि भारत केवल कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक ही है परन्तु राष्ट्र का मतलब ये है कि भारत का यदि कोई व्यक्ति विदेश भी जाता है तो वो अपनी संस्कृति और सभ्यता को नहीं भूलता अपितु उसको वहा भी फैलता है I भारत के सभी मंदिर, मस्जिदें, गुरूद्वारे,गिरिजाघर ये सब भारत कि संस्कृति की पहचान हैं I भारत में रहने वाले लोग किस तरह मिल जुलकर जीवन यापन करते है यह भारत कि संस्कृति है I अत: भारत एक राष्ट्र है ना कि केवल देश I
भारत में अनेक आक्रमण हुए फिर भी भारत की संस्कृति क्यों जीवित है ? क्योंकि भारतीयों का सबसे बड़ा हथियार प्रेम है , भारतीयों ने सभी लोगो का राजाओं की तरह स्वागत किया और उनको अपनी संस्कृति से अवगत कराया, परन्तु उन लालची लोगों ने भारत को हमेशा सोने के अंडे देने वाली मुर्गी ही समझा I भारत - जिसको सोने की चिड़िया कहा जाता था, को खूब लूटा ,हत्याएं की ,राज किया परन्तु यह विचारने योग्य बात है कि इतने आक्रमण होने के बाद भी भारत की संस्कृति आज भी जीवित है I भारत फिर से सिरमौर बनने की और अग्रसर है I भारत के लोग आर्य कहलाते थे जिनको बाद में सिन्धु कहा गया इसके बाद यहाँ अनेक धर्मों का प्रचार प्रसार हुआ जिसके कारण यहाँ के लोगों ने दूसरे धर्मों को अपनाया और अन्य धर्म भी भारत की संस्कृति में शामिल हो गए , लेकिन हम सब हिन्दू-मुस्लिम-सिख-इसाई-बोध-जैन थे तो सब पहले आर्य ही अर्थात सिन्धु ही , इसका मतलब यही हुआ की हम सब भाई भाई ही है I हम सब सिन्धु ही है, हम सब की नस्ल एक ही है I हमारे पूजा करने के तरीके अलग अलग हो सकते है मज़हब अलग अलग हो सकते है , परन्तु हमारे पूर्वज एक ही थे, हमारी सभ्यता संस्कृति एक ही है, हमारा राष्ट्र एक ही है इसलिए हम सब भाई भाई है और राष्ट्र की सेवा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है I जिस दिन यह अक्ल की बात भारत में रहने वाले हर एक भारतीय के अन्दर जागृत हो जाएगी समझ लो उस दिन भारत विश्व का सिरमौर बन जायेगा I
 भारत - ये वो शब्द है जिसके कानो में पड़ते ही मेरे हृदय में देश प्रेम की लहरें प्रफुल्लित होने लगती है, जिसकी महिमा का गुणगान करते करते में नहीं थकता I वो राष्ट्र जो कहता है " वसुधैव कुटुम्बकम ", जो विश्व बंधुत्व की शिक्षा देता है , जिसकी गोदी में गंगा , यमुना, सरस्वती जैसी पावन नदियाँ हिलोरे मारती है I वो राष्ट्र जहां पर सभी धर्मों के लोग निवास करते है और बहुत ही प्रेमपूर्वक एक दूसरे के त्योहारों को मिल जुलकर मनाते है I भारत वो राष्ट्र है जहां पर अरबों, तुर्कों, फ्रांसीसियों, डचों, पुर्तगालियों, और अंग्रेजों ने आक्रमण किया परन्तु फिर भी वो भारत की सभ्यता और संस्कृति को नहीं मिटा पाए उलटे भारत के लोगों ने आक्रमणकारियों को प्रेम की शिक्षा दी I भारत वो राष्ट्र जिसको आज़ाद कराने के लिए शहीद भगत सिंह, अशफाक उल्ला खान, चन्द्र शेखर आज़ाद, खान बहादुर खान, सुभाष चन्द्र बोस जैसे अनेक क्रांतिकारियों ने अपनी जान की आहुति दी I भारत वो राष्ट्र जिसने ए.पी.जे.अब्दुल कलाम जी जैसे राष्ट्रपति को जन्म दिया जिन्होंने राष्ट्रपति बनकर अनेक लोगों को देश प्रेम की प्रेरणा दी I कहने को तो बहुत कुछ है की भारत की महिमा का वर्णन करते करते मेरा पूरा ब्लॉग ही भर जाये परन्तु संक्षेप में मैंने अपनी कुछ बातों को कहा है ! में सलाम करता हूँ उन सभी भारतवासियों को जो हमेशा भारत की उन्नति के बारे में सोचते है , में सलाम करता हूँ उन सभी हिन्दू-मुसलमान भाइयो को जो भारत की मिटटी के लिए अपनी जान की बाज़ी लगाने को हर समय तत्पर रहते है I
शायद शायर इकबाल ने भी इसीलिए कहा है -
यूनान, मिस्र, रोमा सब मिट गए जहां से , लेकिन अभी तक है बाकी नामो निशाँ हमारा!
कुछ बात है कि हस्ती मिटटी नहीं हमारी, दुश्मन रहा है बरसों दौर-ए-जमां हमारा !!
जय हिंद, जय भारत!!

2 comments:

  1. Bharat ki atma ko aapka blog padhkar jaroor shanti milegi...kyuki bharat ki atma aaj apne ek sapoot ke prem ka bhojan mil gaya hai..Bharat ko roj hi chori, balatkaar ghotale, deshdroh, atankwad, vishwasghat.....jhelne padte hai...

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  2. @yogesh sir,Its my duty to spread awareness, and i am doing it, I dont know what Bharat Maa or All Bharatiya think after read it, I dont know that I am a true Bharatiya or not . I know that i am doing my duty which every Bharatiya should do.
    Thanks for appreciate to me.
    jai hind, jai bharat!!

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